हवा के झोंके ने फिर से पन्नों को सहलाया,
हम उससे थोड़ी दूरी पर हमेशा रुक से जाते हैं,
वो लम्हे याद करता हूँ तो लगते हैं अब जहर से।
जब से तुमको देखा है दिल बेकाबू हमारा है,
रास्ते पर तो खड़ा हूँ पर चलना भूल गया हूँ।
न जाने उससे मिलने का इरादा कैसा लगता है,
कौन फिरता है ज़मीं पे चाँद सा चेहरा लिए।
ज़ालिम दुनिया समंदर है किनारा मुमकिन नहीं।
सौदा करते हैं लोग यहाँ एहसासों के बदले,
चेहरा तेरा चाँद का टुकड़ा सारे जहाँ से प्यारा है।
कुछ shayari in hindi ज़रूरतें पूरी, कुछ ख्वाहिशें अधूरी,
बेचैन दिल को सुकूं की तलाश में दर-ब-दर तो न कर,
मैं जागता हूँ तेरा ख़्वाब देखने के लिए।
मगर उसका बस नहीं चलता मेरी वफ़ा के सामने।